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मौत!!!!!!
on
August 19, 2017
था में नींद में और मुझे सजाया जा रहा था...
था में नींद में और मुझे प्यार से नहलाया जा रहा था...
ना जाने वो कौन सा अजीब खेल खेला जा रहा था....
मेरे घर में बच्चो की तरह मुझे कंधो पे उठाया जा रहा था !!!!!!!!!
था मे वही पास में हर अपनों के बीच........
तब भी में हर अपनों के बीच पुकारा जा रहा था !
जो कभी देखते भी नहीं थे मुझको पूरी निगाहो से। ....
उनकी आखो में भी मेरे लये प्यार लुटाया जा रहा था !!
मालूम नहीं क्यों सब हैरान थे मुझे सोते हुए देख कर...
जोर जोर से रो रो कर मुझे जगाया जा रहा था !!!
फिर काँप उठी मेरी रूह वो मंजर देख कर
जब अपनों के हाथो में जलाया जा रहा था.....
तोर कर सब्र का बांध रो परी मेरी रूह.. . .
वो जगह देखकर जहा मुझे हमेसा के लिए सुलाया जा रहा था !!!
मोहब्बत की इम्तेहाह थी जिन दिलो में मेरे लिए
उन्ही दिलो में से में धीरे धीरे भुलाया जा रहा था !!
उठ सकता था में उस पल, पर सोचा।।।।।
में उठु किसके लिए ?
इस दुनिया ने मुझे दर्द सिवाए दिया ही क्या ?
जो रुक जाऊ इनके लिए ?
उस पल न तो रुकने का दिल था न ही इस बेमन दुनिया को छोर कर जाने का गम था। .....
बल्कि में खुश था। ....
इस नफरत भरी दुनिया को छोर कर में खुसिया पाने जन्नत जा रहा हु !!!!!!!!!!!!!!!!
---Written by : Vaibhav Kumar
था में नींद में और मुझे प्यार से नहलाया जा रहा था...
ना जाने वो कौन सा अजीब खेल खेला जा रहा था....
मेरे घर में बच्चो की तरह मुझे कंधो पे उठाया जा रहा था !!!!!!!!!
था मे वही पास में हर अपनों के बीच........
तब भी में हर अपनों के बीच पुकारा जा रहा था !
जो कभी देखते भी नहीं थे मुझको पूरी निगाहो से। ....
उनकी आखो में भी मेरे लये प्यार लुटाया जा रहा था !!
मालूम नहीं क्यों सब हैरान थे मुझे सोते हुए देख कर...
जोर जोर से रो रो कर मुझे जगाया जा रहा था !!!
फिर काँप उठी मेरी रूह वो मंजर देख कर
जब अपनों के हाथो में जलाया जा रहा था.....
तोर कर सब्र का बांध रो परी मेरी रूह.. . .
वो जगह देखकर जहा मुझे हमेसा के लिए सुलाया जा रहा था !!!
मोहब्बत की इम्तेहाह थी जिन दिलो में मेरे लिए
उन्ही दिलो में से में धीरे धीरे भुलाया जा रहा था !!
उठ सकता था में उस पल, पर सोचा।।।।।
में उठु किसके लिए ?
इस दुनिया ने मुझे दर्द सिवाए दिया ही क्या ?
जो रुक जाऊ इनके लिए ?
उस पल न तो रुकने का दिल था न ही इस बेमन दुनिया को छोर कर जाने का गम था। .....
बल्कि में खुश था। ....
इस नफरत भरी दुनिया को छोर कर में खुसिया पाने जन्नत जा रहा हु !!!!!!!!!!!!!!!!
---Written by : Vaibhav Kumar